UPSC भारत की सबसे मुश्किल और बड़ी परीक्षाओं में से एक है। हर साल करीब 12 से 15 लाख लोग इस परीक्षा के लिए फॉर्म भरते हैं, लेकिन सीटें सिर्फ लगभग 1,000 ही होती हैं। मतलब, बहुत कम लोगों का ही चयन होता है। इसलिए यह ज़रूरी है कि आप तैयारी का सही तरीका अपनाएं। अगर आपकी तैयारी की योजना अच्छी होगी, तो आपके सफल होने के चांस ज़्यादा होंगे। नीचे हम UPSC की तैयारी के लिए कुछ आसान और काम की बातें बता रहे हैं, साथ ही हर विषय को कैसे पढ़ें, उसकी सलाह भी दी गई है। आगे पढ़िए।
अंग्रेज़ी में पढ़ेंतैयारी की रणनीति अपनाने से पहले यह जरूरी है कि आप UPSC परीक्षा के पैटर्न को ठीक से समझ लें। UPSC की परीक्षा तीन चरणों में होती है – प्रारंभिक परीक्षा (Prelims), मुख्य परीक्षा (Mains) और साक्षात्कार (Interview)। हर चरण को पास करना जरूरी होता है ताकि अगली स्टेज में पहुँचा जा सके। नीचे हर चरण का आसान विवरण दिया गया है:
इसमें दो पेपर होते हैं – जनरल स्टडीज़ 1 (General Studies 1) और जनरल स्टडीज़ 2 (CSAT - Civil Services Aptitude Test)।
जो उम्मीदवार Prelims पास कर लेते हैं, वे Mains में बैठते हैं। इसमें कुल 9 पेपर होते हैं।
यह UPSC चयन प्रक्रिया का अंतिम चरण होता है।
UPSC की तैयारी शुरू करना थोड़ा कठिन लग सकता है, लेकिन अगर आपकी रणनीति सही और व्यवस्थित हो, तो आप इस रास्ते को आसानी से पार कर सकते हैं।
यहाँ UPSC (सिविल सेवा परीक्षा) की तैयारी के लिए एक आसान और पक्की रणनीति दी गई है, जिसे हर कोई आराम से समझ और अपनाकर सफल हो सकता है:
तैयारी शुरू करने से पहले ज़रूरी है कि आपको इस परीक्षा के बारे में पूरी जानकारी हो। UPSC की नोटिफिकेशन ध्यान से पढ़ें और जानें कि परीक्षा का सिलेबस क्या है, परीक्षा किस तरह होती है (पैटर्न), इसकी टाइमलाइन और कौन इसमें बैठ सकता है (योग्यता)।
कोई भी कठिन टॉपिक पढ़ने से पहले आपको हर विषय की बुनियादी बातें समझनी चाहिए। इसके लिए आप NCERT की किताबें पढ़ें। हर विषय की किताबें दो बार पढ़ें और खुद के नोट्स बनाएं। इससे आपको आगे की पढ़ाई समझने में आसानी होगी।
जब NCERT से आपकी बेसिक समझ बन जाए, तब स्टैंडर्ड बुक्स पढ़ना शुरू करें जो UPSC के लिए जरूरी मानी जाती हैं। इन्हें पढ़ते समय भी नोट्स बनाते जाएं ताकि बाद में आंसर लिखते वक्त आसानी हो। पूरी किताबों की लिस्ट के लिए दिए गए लिंक को देखें।
जब आपकी पढ़ाई का एक अच्छा हिस्सा पूरा हो जाए, तब आंसर लिखने की प्रैक्टिस शुरू करें। UPSC Mains में अच्छे अंक लाने के लिए यह बहुत जरूरी होता है। अगर आप पहले ही आंसर लिखना शुरू कर देंगे, तो बार-बार किताबें देखने की जरूरत पड़ेगी, जिससे अभ्यास सही से नहीं हो पाएगा।
हर हफ्ते जो पढ़ा है, उसका दोहराव करना भी जरूरी है। कोशिश करें कि वीकेंड (शनिवार-रविवार) को सिर्फ रिवीजन करें।
Prelims परीक्षा से करीब दो महीने पहले मॉक टेस्ट देने शुरू करें। ऐसी टेस्ट सीरीज़ चुनें जो असली परीक्षा जैसी हो। हर टेस्ट को उसी टाइम पर दें जिस टाइम पर असली परीक्षा होती है। हर मॉक टेस्ट के बाद उसके जवाबों को देखें, गलतियाँ समझें और जो कमजोर टॉपिक हैं उन्हें फिर से पढ़ें। इससे डर कम होगा और तैयारी भी मज़बूत होगी।
अब जब आपको एक आसान और मजबूत पढ़ाई की योजना समझ में आ गई है, तो आगे हम आपको हर विषय के लिए अलग-अलग तैयारी के टिप्स भी बताएंगे।
यहाँ UPSC परीक्षा की विषय-वार तैयारी रणनीति दी गई है। इन सुझाए गए तरीकों को अपनाकर आप इस प्रतिष्ठित परीक्षा की तैयारी को बेहतर बना सकते हैं और चयन की संभावना को बढ़ा सकते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में सरकार की नीतियों का महत्व प्रीलिम्स और मैन्स दोनों में काफी बढ़ गया है। यह ट्रेंड आगे भी जारी रहने की संभावना है।
इस सेक्शन को चार भागों में बाँटा जा सकता है – साइंस एंड टेक्नोलॉजी, बायोलॉजी, केमिस्ट्री और फिजिक्स।
इसलिए इस पूरे सेक्शन के लिए एक संतुलित रणनीति अपनाना ज़रूरी है जिसमें बेसिक किताबें, रोज़मर्रा की वैज्ञानिक घटनाएं, और करेंट साइंस से जुड़े टॉपिक्स सभी शामिल हों।
पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों के पैटर्न का विश्लेषण यह दिखाता है कि जहाँ एक ओर सवालों की संख्या थोड़ी कम हुई है, वहीं उनकी कठिनाई का स्तर बढ़ गया है। हाल के वर्षों में ऐसे टॉपिक्स से भी सवाल पूछे गए हैं जो पहले कभी नहीं पूछे गए थे।
आधुनिक भारत का इतिहास में सबसे ज़्यादा सवाल 1857 से 1947 के बीच की घटनाओं से आते हैं, जिनमें शामिल हैं:
प्राचीन भारत में अक्सर पूछे जाने वाले विषय हैं:
मध्यकालीन भारत में सबसे महत्वपूर्ण समयकाल हैं:
भारतीय संस्कृति का महत्व भी बहुत बढ़ गया है। प्राचीन काल से लेकर अब तक भारतीय संस्कृति के विकास की अच्छी समझ होना Preliminary परीक्षा में अच्छा स्कोर करने के लिए ज़रूरी है।
लेकिन अगर आपके पास एक सही पढ़ाई की रणनीति और समय प्रबंधन है, तो यह सेक्शन भी आसानी से संभाला जा सकता है।
पिछले कुछ सालों में CSAT पेपर थोड़ा मुश्किल हो गया है। अब परीक्षा में कम टॉपिक से सवाल आते हैं, और बहुत से उम्मीदवार यह सोचकर इसे हल्के में ले लेते हैं कि यह सिर्फ एक क्वालिफाइंग पेपर है। इसी वजह से बहुत से लोग इस पेपर में पास नहीं कर पाते।
इस पेपर में पास होने के लिए कम से कम 33% अंक लाना ज़रूरी है। अगर आप इतना स्कोर नहीं कर पाए, तो आप आगे की चयन प्रक्रिया में नहीं जा पाएंगे।
CSAT में ये टॉपिक आते हैं:
आपको ऐसी टेस्ट सीरीज़ खरीदनी चाहिए जो असली परीक्षा जैसी हो। साथ ही UPSC के पुराने सालों के पेपर को ज़रूर हल करें।
सबसे जरूरी बात — यह पेपर सिर्फ पास करने के लिए है, लेकिन 33% अंक लाना ज़रूरी है। अगर आप इतने अंक नहीं ला सके तो बाकी परीक्षा में आप नहीं बैठ सकेंगे।
कॉम्प्रिहेंशन और रीज़निंग जैसे सवाल अच्छे नंबर लाने में मदद करते हैं। पुराने पेपर और मॉडल सवालों की सही प्रैक्टिस से आप इस पेपर में आसानी से पास हो सकते हैं।
यहाँ UPSC की तैयारी शुरू करने के लिए कुछ आसान और जरूरी टिप्स दिए गए हैं:
अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिए गए लेख को जरूर पढ़ें।
UPSC के पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों की सूची आपकी सुविधा के लिए ऊपर दिए गए लिंक किए गए लेख में दी गई है।
आप इन्हें UPSC की आधिकारिक वेबसाइट (upsc.gov.in) पर भी आसानी से पा सकते हैं।
आमतौर पर सलाह दी जाती है कि UPSC की तैयारी जिस वर्ष आप परीक्षा देना चाहते हैं, उससे 1 से 2 साल पहले शुरू कर दें।
हालाँकि, यह तय करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे —
इन सभी को ध्यान में रखते हुए ही अपनी तैयारी की योजना बनाएं।