यूपीएससी परीक्षा देश की सबसे प्रतिस्पर्धी और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है। हर साल लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होते हैं। हालांकि, इस परीक्षा में बैठने के लिए, उम्मीदवारों को कुछ निर्धारित मापदंडों को पूरा करना आवश्यक होता है, जिन्हें यूपीएससी द्वारा यूपीएससी पात्रता मानदंड 2026 में घोषित किया गया है।
इन मापदंडों में राष्ट्रीयता, शैक्षणिक योग्यता, आयु सीमा और अन्य शर्तें शामिल हैं। किसी भी अभ्यर्थी के लिए यह जानना जरूरी है कि वे इन सभी पात्रता शर्तों को पूरा करते हैं या नहीं, इससे पहले कि वे अपनी तैयारी शुरू करें।
इस लेख को आगे पढ़ें ताकि आप यूपीएससी पात्रता मानदंड को विस्तार से समझ सकें।
कुल मिलाकर, सभी उम्मीदवारों को परीक्षा में शामिल होने के लिए कुछ प्रमुख पात्रता मानदंडों को पूरा करना आवश्यक होता है, जिनमें आयु सीमा, शैक्षणिक योग्यता, राष्ट्रीयता आदि शामिल हैं।
पात्रता की न्यूनतम आवश्यकताएँ निम्नलिखित हैं:
यूपीएससी परीक्षा पात्रता 2026 |
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श्रेणी |
विवरण |
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आयु सीमा |
21 से 32 वर्ष |
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आयु में छूट |
- ओबीसी: 3 वर्ष - एससी/एसटी: 5 वर्ष |
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प्रयासों की संख्या |
- सामान्य / ईडब्ल्यूएस: 6 प्रयास - ओबीसी / PwBD: 9 प्रयास - एससी / एसटी: असीमित प्रयास (आयु सीमा तक) |
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न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता |
किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री |
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राष्ट्रीयता |
भारतीय नागरिक होना आवश्यक |
यूपीएससी ने उम्मीदवारों के लिए एक निर्धारित आयु सीमा तय की है, जिसके भीतर वे इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। कुछ विशेष वर्गों के उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट दी जाती है।
यूपीएससी आयु सीमा 2026 |
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श्रेणी |
न्यूनतम आयु |
आयु में छूट |
अधिकतम आयु |
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सामान्य |
21 वर्ष |
कोई छूट नहीं |
32 वर्ष |
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आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग |
21 वर्ष |
कोई छूट नहीं |
32 वर्ष |
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अन्य पिछड़ा वर्ग |
21 वर्ष |
+3 वर्ष |
35 वर्ष |
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अनुसूचित जाति / जनजाति |
21 वर्ष |
+5 वर्ष |
37 वर्ष |
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दिव्यांग व्यक्ति |
21 वर्ष |
+10 वर्ष |
42 वर्ष |
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विकलांगता के कारण सेवामुक्त भूतपूर्व सैनिक |
21 वर्ष |
+3 वर्ष |
35 वर्ष |
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विकलांगता के कारण सेवामुक्त भूतपूर्व सैनिक |
21 वर्ष |
+3 + 3 वर्ष |
38 वर्ष |
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विकलांगता के कारण सेवामुक्त भूतपूर्व सैनिक |
21 वर्ष |
+3 + 5 वर्ष |
40 वर्ष |
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5 वर्षों की सेवा के बाद सेवामुक्त भूतपूर्व सैनिक |
21 वर्ष |
+5 वर्ष |
37 वर्ष |
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5 वर्षों की सेवा के बाद सेवामुक्त भूतपूर्व सैनिक |
21 वर्ष |
+5 + 3 वर्ष |
40 वर्ष |
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5 वर्षों की सेवा के बाद सेवामुक्त भूतपूर्व सैनिक |
21 वर्ष |
+5 + 5 वर्ष |
42 वर्ष |
यूपीएससी इस बात से फर्क नहीं करता कि आपने ग्रेजुएशन में कितने प्रतिशत नंबर लाए हैं। इस वजह से, परीक्षा में बैठने के लिए किसी न्यूनतम प्रतिशत की ज़रूरत नहीं होती।
शैक्षणिक योग्यता से जुड़ी जरूरी बातें:
यूपीएससी ने अपनी परीक्षा के लिए यह तय किया है कि कौन-कौन लोग नागरिकता के आधार पर परीक्षा दे सकते हैं। यह नियम पद के हिसाब से अलग-अलग हैं:
उम्मीदवार इन में से कोई एक हो सकता है:
जरूरी बातें:
IFS में नंबर 2, 3 और 4 वाले लोग नियुक्त नहीं हो सकते।
यूपीएससी में प्रयासों की संख्या उस श्रेणी पर निर्भर करती है, जिससे उम्मीदवार संबंधित होता है। यूपीएससी परीक्षा में श्रेणी के अनुसार प्रयासों की संख्या इस प्रकार है:
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श्रेणी |
प्रयासों की संख्या |
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जेनेरल केटेगरी |
अधिकतम 6 एटेम्पट |
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ओबीसी श्रेणी |
अधिकतम 9 एटेम्पट |
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एससी / एसटी श्रेणी |
असीमित एटेम्पट – आयु सीमा तक |
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दिव्यांग – सामान्य / ओबीसी |
अधिकतम 9 एटेम्पट |
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दिव्यांग – एससी / एसटी |
असीमित एटेम्पट – आयु सीमा तक |
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विकलांगता के कारण सेवा से मुक्त किए गए भूतपूर्व सैनिक |
ऊपर दी गई श्रेणी के अनुसार – जैसे सामान्य, ओबीसी, एससी/एसटी, दिव्यांग आदि |
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5 वर्षों की सेवा के बाद सेवा से मुक्त किए गए भूतपूर्व सैनिक |
(ऊपर दी गई श्रेणी के अनुसार – जैसे सामान्य, ओबीसी, एससी/एसटी, दिव्यांग आदि) |
आपके मन में यह सवाल आ सकता है: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में प्रयास कैसे गिने जाते हैं?
यह जानना बहुत ज़रूरी है कि प्रयास तभी गिना जाता है जब आप प्रारंभिक परीक्षा (प्रीलिम्स) में शामिल होते हैं।
अगर आपने परीक्षा के किसी एक पेपर (सामान्य अध्ययन या सीसैट) में भी भाग लिया है, तो वह एक प्रयास माना जाएगा।
लेकिन अगर आपने केवल परीक्षा का फॉर्म भरा और परीक्षा में शामिल नहीं हुए, तो आपका प्रयास नहीं गिना जाएगा।
यही वजह है कि यूपीएससी प्रीलिम्स में अनुपस्थित रहने वालों की संख्या अधिक होती है।
सिर्फ लगभग 50% उम्मीदवार ही, जिन्होंने फॉर्म भरा होता है, वास्तव में परीक्षा में बैठते हैं।
सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए अधिकतम आयु सीमा 32 वर्ष है। हालांकि, अन्य वर्गों के लिए आयु में छूट दी जाती है, जिसकी जानकारी ऊपर लेख में दी गई है।
सामान्य वर्ग के उम्मीदवार अधिकतम 6 बार परीक्षा में बैठ सकते हैं।
EWS वर्ग को कोई अलग छूट नहीं दी जाती। इसलिए EWS उम्मीदवारों को भी अधिकतम 6 प्रयास मिलते हैं।
OBC वर्ग के उम्मीदवारों को अधिकतम 9 प्रयास मिलते हैं।
ऐसा कोई नियम नहीं है। उम्मीदवार के पास मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री होना ही काफी है।
नहीं, महिला उम्मीदवारों को कोई विशेष आयु में छूट नहीं दी जाती।
IAS अधिकारी अपने करियर में सबसे ऊँचे पद तक पहुंच सकते हैं, जो है: भारत सरकार के कैबिनेट सचिव।
हाँ, फाइनल ईयर के छात्र या जिनके परिणाम प्रतीक्षित हैं, वे प्रीलिम्स परीक्षा में शामिल हो सकते हैं,
बशर्ते कि वे मैन्स परीक्षा तक अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री का प्रमाण प्रस्तुत कर सकें।
नहीं, यूपीएससी परीक्षा में बैठने के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री अनिवार्य है।12वीं के बाद कोई छात्र इस परीक्षा में शामिल नहीं हो सकता।