किसी भी उम्मीदवार के लिए यूपीएससी परीक्षा में सफल होने के लिए, उसे यूपीएससी परीक्षा पैटर्न की पूरी जानकारी होनी चाहिए। यूपीएससी की चयन प्रक्रिया को तीन चरणों में बांटा गया है: प्रीलिम्स, मुख्य परीक्षा (मेन), और पर्सनैलिटी टेस्ट या इंटरव्यू राउंड। हर साल करीब 12 से 15 लाख उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन कड़ी चयन प्रक्रिया के बाद सिर्फ लगभग 1000 उम्मीदवारों का चयन होता है। यही कारण है कि यूपीएससी को भारत की सबसे कठिन और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक माना जाता है।
प्रीलिम्स चरण केवल क्वालिफाइंग होता है, जबकि मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू राउंड के अंक उम्मीदवार के फाइनल मेरिट स्कोर और रैंक तय करने के लिए जोड़े जाते हैं। उम्मीदवार का कुल मेरिट स्कोर 2025 अंकों में से दिया जाता है, जो मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों के आधार पर तय होता है। यूपीएससी परीक्षा पैटर्न की विस्तृत जानकारी के लिए आगे पढ़ें।
नीचे यूपीसी परीक्षा पैटर्न 2026 का संक्षिप्त विवरण दिया गया है। उम्मीदवारों को अपनी तैयारी शुरू करने से पहले प्रीलिम्स और मुख्य परीक्षा से जुड़ी निम्न जानकारियाँ अवश्य जान लेनी चाहिए।
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श्रेणी |
प्रीलिम्स |
मुख्य परीक्षा (मेन्स) |
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पेपर का माध्यम |
अंग्रेज़ी / हिंदी |
अंग्रेज़ी / हिंदी (केवल भाषा पेपर को छोड़कर) |
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प्रश्नों का प्रकार |
वस्तुनिष्ठ (MCQs) |
वर्णनात्मक (Descriptive) |
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प्रश्नों की संख्या |
CSAT: 80 प्रश्न GS: 100 प्रश्न |
प्रत्येक पेपर में लगभग 20 प्रश्न |
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कुल अंक |
200 + 200 = 400 अंक |
1750 अंक |
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परीक्षा का माध्यम |
ऑफ़लाइन |
ऑफ़लाइन |
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पेपरों की संख्या |
2 पेपर (GS और CSAT) |
9 पेपर (जिसमें एक भाषा पेपर भी शामिल है) |
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प्रत्येक पेपर की समय-सीमा |
हर पेपर के लिए 2 घंटे |
हर पेपर के लिए 3 घंटे |
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मार्किंग स्कीम |
सही उत्तर पर +2 अंक, गलत उत्तर पर -0.83 अंक |
कोई नेगेटिव मार्किंग नहीं |
नीचे यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा पैटर्न 2026 दिया गया है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का पहला चरण यूपीएसी प्रीलिम्स या प्रारंभिक परीक्षा कहलाता है। यह परीक्षा एक ही दिन में दो पेपरों के रूप में होती है: जी एस पेपर और जी एस पेपर II, जिसे सीसैट भी कहा जाता है।
उम्मीदवारों को जी एस पेपर I में कटऑफ स्कोर हासिल करना और सीसैट में क्वालिफाई करना अनिवार्य होता है, तभी वे अगले चरण यानी मैन्स के लिए पात्र होते हैं। ध्यान दें कि प्रीलिम्स के अंक फाइनल मेरिट स्कोर में शामिल नहीं होते, लेकिन इससे यह तय होता है कि उम्मीदवार मेन्स परीक्षा में बैठने के योग्य है या नहीं।
प्रीलिम्स परीक्षा का पैटर्न इस प्रकार है:
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यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा का पैटर्न |
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पेपर का नाम |
प्रश्नों की संख्या |
कुल अंक |
समय सीमा |
परीक्षा का स्वरूप |
प्रश्नों का प्रकार |
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पेपर I: सामान्य अध्ययन |
100 |
200 |
2 घंटे |
कटऑफ में शामिल किया जाता है |
वस्तुनिष्ठ (MCQ आधारित) |
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पेपर II: सामान्य अध्ययन (सीसैट) |
80 |
200 |
2 घंटे |
क्वालिफाइंग नेचर – उम्मीदवार को न्यूनतम 33% अंक लाने होंगे |
वस्तुनिष्ठ (MCQ आधारित) |
अब आइए जानते हैं यूपीएससी मेन्स परीक्षा का पैटर्न। जो उम्मीदवार प्रीलिम्स परीक्षा में सफल होते हैं, वे अगले चरण यानी यूपीएससी मैन्स परीक्षा में शामिल होते हैं। यूपीएससी मेन्स में कुल 9 पेपर होते हैं, जो 5 दिनों में आयोजित किए जाते हैं। इन 9 में से 2 पेपर क्वालिफाइंग होते हैं, जबकि बाकी 7 पेपर मेरिट में जोड़े जाते हैं। इन 7 पेपरों का कुल स्कोर 1750 अंक होता है।
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यूपीएससी मेन्स परीक्षा का पैटर्न |
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पेपर |
विषय |
समय |
कुल अंक |
पेपर का स्वरूप |
प्रश्नों का प्रकार |
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पेपर A |
अनिवार्य भारतीय भाषा |
3 घंटे |
300 |
क्वालिफाइंग |
वर्णनात्मक |
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पेपर B |
अंग्रेज़ी |
3 घंटे |
300 |
क्वालिफाइंग |
वर्णनात्मक |
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पेपर I |
निबंध (Essay) |
3 घंटे |
250 |
मेरिट |
वर्णनात्मक |
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पेपर II |
सामान्य अध्ययन I |
3 घंटे |
250 |
मेरिट |
वर्णनात्मक |
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पेपर III |
सामान्य अध्ययन II |
3 घंटे |
250 |
मेरिट |
वर्णनात्मक |
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पेपर IV |
सामान्य अध्ययन III |
3 घंटे |
250 |
मेरिट |
वर्णनात्मक |
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पेपर V |
सामान्य अध्ययन IV |
3 घंटे |
250 |
मेरिट |
वर्णनात्मक |
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पेपर VI |
वैकल्पिक विषय – पेपर I |
3 घंटे |
250 |
मेरिट |
वर्णनात्मक |
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पेपर VII |
वैकल्पिक विषय – पेपर II |
3 घंटे |
250 |
मेरिट |
वर्णनात्मक |
यूपीएससी मेन्स परीक्षा से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए लिंक किया गया लेख ज़रूर पढ़ें।
पर्सनैलिटी टेस्ट या इंटरव्यू राउंड, यूपीएससी परीक्षा का अंतिम चरण होता है। यह इंटरव्यू लगभग 20 से 30 मिनट तक चलता है और इसमें कुल 275 अंक होते हैं।
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यूपीएससी इंटरव्यू – कुल अंक |
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कुल अंक |
275 |
यूपीएससी में निगेटिव मार्किंग एक महत्वपूर्ण पहलू है जो उम्मीदवार के कुल अंकों को प्रभावित करता है; इसलिए उन्हें निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।
चूंकि यूपीएससी प्रीलिम्स वस्तुनिष्ठ प्रकार की परीक्षा होती है, इसलिए हर गलत उत्तर पर निगेटिव मार्किंग होती है। प्रत्येक गलत उत्तर पर प्रश्न के निर्धारित अंकों का एक-तिहाई भाग काटा जाता है, यानी हर गलत उत्तर पर 0.83 अंक की कटौती होती है।
हालांकि, यूपीएससी मुख्य परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं होती, क्योंकि यह एक वर्णनात्मक परीक्षा होती है, और उम्मीदवार के कुल अंक उनके द्वारा प्रस्तुत उत्तरों की गुणवत्ता पर निर्भर करते हैं।
आगे पढ़ें: यूपीएसीसी की तैयारी कैसे करें?
यूपीएससी प्रीलिम्स में योग्य होने के लिए उम्मीदवार को जी एस पेपर I में कटऑफ स्कोर प्राप्त करना और जी एस पेपर II में कम से कम 33% यानी 66 अंक लाना अनिवार्य है। इन दोनों में से किसी एक मानदंड को पूरा न करने पर उम्मीदवार यूपीएससी मेन्स परीक्षा के लिए योग्य नहीं माना जाएगा।
नहीं, यूपीएससी प्रीलिम्स के अंक अंतिम मेरिट स्कोर या रैंकिंग में शामिल नहीं किए जाते। उम्मीदवार की अंतिम मेरिट और रैंक मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के कुल 2025 अंकों के आधार पर तय की जाती है।
यूपीएससी की चयन प्रक्रिया कठिन और तीन चरणों वाली होती है:
उम्मीदवार को पहले प्रीलिम्स में क्वालिफाई करना होता है, फिर मेन्स परीक्षा में शामिल होना होता है, और अंत में पर्सनैलिटी टेस्ट देना होता है। इसके बाद उम्मीदवारों की अंतिम रैंक उनकी मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू स्कोर के योग के आधार पर बनाई जाती है, और उच्च रैंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को उनकी पसंदीदा सेवाएं आवंटित की जाती हैं।
यूपीएससी में प्रयासों की अधिकतम संख्या उम्मीदवार की श्रेणी के अनुसार तय की गई है:
नहीं, केवल रजिस्ट्रेशन करना प्रयास नहीं माना जाता। यूपीएससी के कम से कम एक प्रीलिम्स पेपर में शामिल होना जरूरी होता है, तभी उसे एक वैध प्रयास माना जाता है।