जब कोई उम्मीदवार UPSC की पहली सीढ़ी यानी प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) पास कर लेता है, तो अगला और सबसे ज़रूरी कदम होता है UPSC Mains की तैयारी करना।
प्रीलिम्स का नंबर तो सिर्फ छंटनी के लिए होता है, लेकिन Mains के नंबर आपकी फाइनल रैंक (रैंक) और सफलता तय करते हैं। इसलिए Mains की तैयारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अच्छी रैंक पाने के लिए एक मजबूत और साफ-सुथरी तैयारी की योजना (strategy) बनाना बहुत ज़रूरी है।
UPSC Mains में सफल होने के लिए सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि कैसे पढ़ाई करनी है और किस दिशा में मेहनत करनी है।
आगे पढ़िए – UPSC विशेषज्ञों की सुझाई गई तैयारी की आसान और असरदार रणनीति।
यहाँ UPSC Mains के लिए सबसे असरदार तैयारी रणनीति को स्टेप-बाय-स्टेप तरीके से बताया गया है, जिससे उम्मीदवार प्रेरणा ले सकते हैं।
जो लोग जल्दी तैयारी शुरू करते हैं, उनके पास ज्यादा समय होता है। लेकिन ज्यादा समय होने पर दिक्कत होती है कि पढ़ाई में लगातार बने रहना मुश्किल हो जाता है।
इसलिए पहले से ही तय कर लें कि हर दिन क्या पढ़ना है और क्या लक्ष्य है। इसके लिए सिलेबस को अच्छे से समझना ज़रूरी है। इससे ध्यान केंद्रित रहेगा और आप ज़रूरी टॉपिक्स से नहीं भटकेंगे।
शुरुआत से ही 'Mains First' यानी पहले Mains की तैयारी की सोच रखें। प्रीलिम्स के बाद Mains के लिए सिर्फ 3–4 महीने ही मिलते हैं। इस बीच उत्तर लेखन और निबंध लिखने का अभ्यास भी करना होता है।
इसलिए पहले से ही Mains की तैयारी शुरू करना समझदारी है।
Mains में एक वैकल्पिक विषय (Optional Subject) होता है, जो बहुत जरूरी होता है। इसे अपनी रुचि और जानकारी के आधार पर चुनें।
किसी और की बातों या सिर्फ "स्कोरिंग" विषय के नाम पर फैसला न लें। आप जिस विषय में रुचि रखते हैं, उसी में आप अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे।
जब वैकल्पिक विषय तय हो जाए, तो पढ़ाई शुरू कर दें। एक टाइम टेबल बनाएं – हर दिन, हफ्ते और महीने के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य तय करें।
General Studies के चार पेपर और Optional Subject का सिलेबस नवंबर या दिसंबर तक पूरा कर लेना चाहिए।
अगर समय की सही योजना बनाएंगे और उस पर टिके रहेंगे, तो पूरा सिलेबस समय पर खत्म हो जाएगा।
हर दिन अख़बार जरूर पढ़ें और देश-दुनिया की खबरों से अपडेट रहें। योजना, कुरुक्षेत्र, PIB, PRS जैसी एक-दो भरोसेमंद मैगज़ीन या सरकारी वेबसाइट से जानकारी लें।
अगर समय मिले, तो सिलेबस खत्म करने के बाद उत्तर लिखने का अभ्यास भी शुरू कर दें। अपने जवाब किसी सीनियर या टीचर से चेक करवाएं।
एक ज़रूरी बात:
प्रीलिम्स और मेन्स के सिलेबस में काफी हद तक समानता है। इसलिए Mains की तैयारी करते समय प्रीलिम्स का अच्छा-खासा हिस्सा भी कवर हो जाता है।
बाकी के लिए आप जनवरी या फरवरी से प्रीलिम्स सिलेबस पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। उस समय से दोहराव और आकलन (revision and assessment) पर फोकस करें, ताकि जानकारी लम्बे समय तक याद रहे।
Prelims खत्म होने के बाद ध्यान न भटकने दें। नीचे दिए गए 5 आसान स्टेप्स को अपनाकर आप UPSC Mains की तैयारी को अच्छे से शुरू और दोहराया (revise) कर सकते हैं।
Prelims के बाद थोड़ा आराम करना ज़रूरी है। आप एक साल से लगातार तैयारी कर रहे होंगे, इसलिए 10 दिन का मानसिक और शारीरिक ब्रेक जरूर लें।
इस दौरान अख़बार पढ़ें या कहीं घूमने चले जाएं। सोचें कि परीक्षा कैसी हुई और उसके हिसाब से अपना अगला कदम तय करें।
इस समय में आप दूसरों की रणनीतियों को भी पढ़ सकते हैं और जान सकते हैं कि आपको क्या सबसे अच्छा लगेगा। सीनियर्स, दोस्तों, टॉपर्स या मेंटर्स से सलाह लें।
ब्रेक के बाद अपनी Mains की तैयारी के लिए एक साफ और आसान प्लान तैयार करें। हर पेपर को दोहराने और समझने के लिए एक निश्चित समय तय करें।
Mains का सिलेबस बड़ा होता है, इसलिए पहले से योजना बनाकर चलना ज़रूरी है ताकि सभी टॉपिक्स कवर हो जाएं।
अक्सर पहली बार देने वाले उम्मीदवार सोच में पड़ जाते हैं कि कैसे 2-3 महीनों में समय बांटें। इसके लिए ये टिप्स अपनाएं:
पेपर के हिसाब से तैयारी का समय (विशेषज्ञों की सलाह अनुसार)
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पेपर का नाम |
तैयारी का समय (लगभग) |
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वैकल्पिक विषय (Optional) |
30–40 दिन |
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निबंध पेपर (Essay) |
हर हफ्ते 4–5 टॉपिक तैयार करें |
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GS Paper 1 |
10–15 दिन |
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GS Paper 2 |
10–15 दिन |
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GS Paper 3 |
15–20 दिन |
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GS Paper 4 |
15–20 दिन |
Mains का पेपर वर्णनात्मक (descriptive) होता है, इसलिए उत्तर लिखने का अभ्यास बहुत ज़रूरी है। जो भी पढ़ें, उसे अपने शब्दों में हर दिन एक बार दोहराएं।
हर दिन कम से कम 1 घंटा उत्तर लेखन को दें। जवाब अपने सीनियर या मेंटर से चेक करवाएं। शुरुआत में गलतियां होना सामान्य है, अभ्यास से सुधार आएगा।
मॉक टेस्ट बहुत जरूरी होते हैं क्योंकि ये परीक्षा जैसी स्थिति में लिखने का अभ्यास कराते हैं। इन्हें अभ्यास का ज़रिया समझें और हर टेस्ट को एक अवसर मानें, जिससे आप बेहतर और सटीक उत्तर लिखना सीख सकें।
यह UPSC Mains के लिए हमारी विशेषज्ञों द्वारा सुझाई गई 5 स्टेप्स वाली रणनीति है। आप इससे प्रेरणा लेकर अपनी खुद की तैयारी योजना बना सकते हैं और परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
अगर आप बिना कोचिंग के खुद से UPSC Mains की तैयारी करना चाहते हैं, तो इन आसान तरीकों को अपनाएं:
ज्यादा जानकारी के लिए ऊपर दिया गया लेख पढ़ें।
ज़्यादातर लोग मानते हैं कि UPSC Mains की तैयारी के लिए कम से कम 1 साल का समय चाहिए। हालाँकि, यह समय आपके पुराने ज्ञान और विषय की समझ पर भी निर्भर करता है। इसलिए जब आप अपनी तैयारी की योजना बनाएं, तो इन बातों को ध्यान में जरूर रखें।