UPSC मेन्स 2025 के लिए वैकल्पिक विषयों की सूची (UPSC Mains 2025 Optional Subejcts List in Hindi)

UPSC मेन्स परीक्षा में वैकल्पिक विषय (Optional Subjects) शामिल होते हैं और उम्मीदवारों को अपनी पसंद के अनुसार कोई एक वैकल्पिक विषय चुनने की स्वतंत्रता होती है। यह वैकल्पिक विषय UPSC की तैयारी में स्कोर को अलग करने वाला प्रमुख कारक साबित होता है।

UPSC मेन्स परीक्षा के कुल 9 पेपरों में से दो पेपर – पेपर VI और पेपर VII वैकल्पिक विषय पर आधारित होते हैं। इन्हें वैकल्पिक विषय पेपर 1 और वैकल्पिक विषय पेपर 2 कहा जाता है और प्रत्येक पेपर 250 अंकों का होता है, जो मिलाकर 500/1750 अंकों का योगदान करता है। ये अंक अंतिम मेरिट सूची में शामिल किए जाते हैं।

चूंकि उम्मीदवार को केवल एक वैकल्पिक विषय चुनना होता है, इसलिए यह निर्णय बहुत सोच-समझकर और सावधानी से लेना चाहिए।आगे पढ़ें UPSC वैकल्पिक विषयों की सूची और यह जानने के लिए कि UPSC के लिए सर्वश्रेष्ठ वैकल्पिक विषय (UPSC Optional Subjects in Hindi) कैसे चुना जाए

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UPSC में कितने वैकल्पिक विषय होते हैं? (How Many Optional Subjects in UPSC?)

UPSC में कुल 48 वैकल्पिक विषय होते हैं। इनमें से 25 मुख्य विषय होते हैं और 23 साहित्य (Literature) विषय होते हैं। उम्मीदवार इन सभी में से कोई एक विषय चुन सकते हैं।

इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध, लोक प्रशासन और समाजशास्त्र जैसे विषय सबसे ज्यादा लोकप्रिय माने जाते हैं।


UPSC वैकल्पिक विषयों की सूची (UPSC Optional Subjects List in Hindi)

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए वैकल्पिक विषयों की सूची नीचे दी गई है। हर विषय की लिंक पर क्लिक करके आप उस विषय का सिलेबस, तैयारी की रणनीति और जरूरी किताबों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

वैकल्पिक विषयों की सूची (हिन्दी में):

कृषि 

पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान 

मानवशास्त्र

वनस्पति विज्ञान

रसायन शास्त्र

सिविल इंजीनियरिंग

वाणिज्य और लेखांकन

अर्थशास्त्र

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग

भूगोल

भूविज्ञान

इतिहास

कानून

प्रबंधन

गणित

मैकेनिकल इंजीनियरिंग

चिकित्सा विज्ञान

दर्शनशास्त्र

भौतिकी

राजनीतिक विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध

मनोविज्ञान

लोक प्रशासन

समाजशास्त्र

सांख्यिकी

प्राणी विज्ञान 

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए वैकल्पिक विषयों में निम्नलिखित भाषाओं का साहित्य भी शामिल है। इन भाषाओं में से भी कोई एक चुनी जा सकती है। सूची इस प्रकार है:

भाषाओं का साहित्य – विषय सूची

असमिया

बंगाली

बोडो

डोगरी

गुजराती

हिंदी

कन्नड़

कश्मीरी

कोंकणी

मैथिली

मलयालम

मणिपुरी

मराठी

नेपाली

उड़िया

पंजाबी

संस्कृत

संथाली

सिंधी

तमिल

तेलुगु

उर्दू

अंग्रेज़ी 

   

UPSC के लिए सबसे अच्छा वैकल्पिक विषय (Best UPSC Optional Subect)

कुछ वैकल्पिक विषय दूसरों की तुलना में ज़्यादा स्कोरिंग माने जाते हैं। हालांकि, IAS टॉपर्स ने तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों तरह के विषयों में 320+ अंक प्राप्त किए हैं। कुछ विषय कम स्कोरिंग इसीलिए लगते हैं क्योंकि उम्मीदवार उस विषय के लिए जरूरी मेहनत नहीं करते या उनके लिए वह विषय सही नहीं होता।

तकनीकी विषय (जैसे गणित) में अधिक अंक लाए जा सकते हैं क्योंकि इनके उत्तर स्पष्ट होते हैं। जबकि मानविकी विषयों में परीक्षक की राय या पसंद का असर थोड़ा अधिक हो सकता है। हालांकि, गैर-तकनीकी विषयों का GS (जनरल स्टडीज़) सिलेबस से मेल होने के कारण तैयारी में मदद मिलती है और इससे मुख्य परीक्षा में कुल स्कोर बेहतर हो सकता है।

सही वैकल्पिक विषय चुनने से पहले उम्मीदवार को ये 6 सवाल खुद से पूछने चाहिए:

  1. क्या विषय का सिलेबस बहुत बड़ा है?
  2. आपके पास तैयारी का कितना समय है?
  3. क्या आपने ग्रेजुएशन/पोस्ट-ग्रेजुएशन में यह विषय पढ़ा है?
  4. क्या इस विषय और GS (Prelims/Mains) में कोई सिलेबस ओवरलैप है?
  5. क्या इस विषय की स्टडी मटेरियल और कोचिंग आसानी से उपलब्ध है?
  6. क्या आपके अंदर इस विषय को पढ़ने की रुचि और मोटिवेशन है?

इन सवालों के जवाब के आधार पर ही सही वैकल्पिक विषय का चयन करना चाहिए।

ज्यादातर छात्रों के लिए टॉप 10 UPSC वैकल्पिक विषय हैं:


UPSC वैकल्पिक विषय जिनका सिलेबस GS से मिलता है (UPSC Optional Subjects Mostly Overlap with GS)

कुछ वैकल्पिक विषय दूसरों की तुलना में ज़्यादा स्कोरिंग माने जाते हैं। हालांकि, IAS टॉपर्स ने तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों तरह के विषयों में 320+ अंक प्राप्त किए हैं। कुछ विषय कम स्कोरिंग इसीलिए लगते हैं क्योंकि उम्मीदवार उस विषय के लिए जरूरी मेहनत नहीं करते या उनके लिए वह विषय सही नहीं होता।

तकनीकी विषय (जैसे गणित) में अधिक अंक लाए जा सकते हैं क्योंकि इनके उत्तर स्पष्ट होते हैं। जबकि मानविकी विषयों में परीक्षक की राय या पसंद का असर थोड़ा अधिक हो सकता है। हालांकि, गैर-तकनीकी विषयों का GS (जनरल स्टडीज़) सिलेबस से मेल होने के कारण तैयारी में मदद मिलती है और इससे मुख्य परीक्षा में कुल स्कोर बेहतर हो सकता है।

सही वैकल्पिक विषय चुनने से पहले उम्मीदवार को ये 6 सवाल खुद से पूछने चाहिए:

  1. क्या विषय का सिलेबस बहुत बड़ा है?
  2. आपके पास तैयारी का कितना समय है?
  3. क्या आपने ग्रेजुएशन/पोस्ट-ग्रेजुएशन में यह विषय पढ़ा है?
  4. क्या इस विषय और GS (Prelims/Mains) में कोई सिलेबस ओवरलैप है?
  5. क्या इस विषय की स्टडी मटेरियल और कोचिंग आसानी से उपलब्ध है?
  6. क्या आपके अंदर इस विषय को पढ़ने की रुचि और मोटिवेशन है?

इन सवालों के जवाब के आधार पर ही सही वैकल्पिक विषय का चयन करना चाहिए।

ज्यादातर छात्रों के लिए टॉप 10 UPSC वैकल्पिक विषय हैं:


UPSC वैकल्पिक विषय - उम्मीदवारों की सफलता दर (UPSC Optional Success Rate in Hindi)

नीचे दी गई तालिका 2021 के अनुसार UPSC रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें विषयवार सफलता दर दी गई है।

विषय

उपस्थित उम्मीदवारों की संख्या

चयनित उम्मीदवारों की संख्या

सफलता दर

कृषि (Agriculture)

115

12

10.4%

मानवशास्त्र (Anthropology)

1159

90

7.8%

रसायन शास्त्र (Chemistry)

127

14

11.0%

वाणिज्य और लेखांकन (Commerce & Accountancy)

140

21

15.0%

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (Electrical Engg.)

117

7

6.0%

भूविज्ञान (Geology)

29

1

3.4%

कानून (Law)

180

21

11.7%

गणित (Mathematics)

513

50

9.7%

चिकित्सा विज्ञान (Medical Science)

196

24

12.2%

भौतिकी (Physics)

131

7

5.3%

मनोविज्ञान (Psychology)

127

15

11.8%

समाजशास्त्र (Sociology)

1087

92

8.5%

पशुपालन (Animal Husbandry)

18

1

5.6%

वनस्पति विज्ञान (Botany)

32

3

9.4%

सिविल इंजीनियरिंग (Civil Engineering)

135

10

7.4%

अर्थशास्त्र (Economics)

190

25

13.2%

भूगोल (Geography)

1079

66

6.1%

इतिहास (History)

574

25

4.4%

प्रबंधन (Management)

31

5

16.1%

मैकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engg.)

160

11

6.9%

दर्शनशास्त्र (Philosophy)

265

20

7.5%

राजनीति विज्ञान व अंतरराष्ट्रीय संबंध

1571

140

8.9%

लोक प्रशासन (Public Administration)

361

31

8.6%

सांख्यिकी (Statistics)

3

0

0.0%

प्राणी विज्ञान (Zoology)

56

4

7.1%


UPSC साहित्य ऑप्शनल सब्जेक्ट्स सक्सेस रेट (2021) (UPSC Literature Optional Success Rate in Hindi)

नवीनतम UPSC रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में साहित्य विषयों की विषयवार सफलता दर नीचे दी गई है।

वैकल्पिक विषय (साहित्य)

उम्मीदवार उपस्थित

चयनित उम्मीदवार

सफलता दर

अंग्रेज़ी साहित्य (English Literature)

27

3

11.1%

मणिपुरी साहित्य (Manipuri Literature)

2

1

50.0%

हिंदी साहित्य (Hindi Literature)

211

22

10.4%

मैथिली साहित्य (Maithili Literature)

12

2

16.7%

पंजाबी साहित्य (Punjabi Literature)

15

2

13.3%

मराठी साहित्य (Marathi Literature)

8

1

12.5%

गुजराती साहित्य (Gujarati Literature)

32

2

6.3%

कन्नड़ साहित्य (Kannada Literature)

60

7

11.7%

बंगाली साहित्य (Bengali Literature)

3

0

0%

सिंधी (देवनागरी) साहित्य

2

0

0%

तमिल साहित्य (Tamil Literature)

27

2

7.4%

तेलुगु साहित्य (Telugu Literature)

20

1

5.0%

उर्दू साहित्य (Urdu Literature)

7

0

0.0%

संस्कृत साहित्य (Sanskrit Literature)

34

2

5.9%

मलयालम साहित्य (Malayalam Literature)

74

8

10.8%


UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए सबसे अच्छा वैकल्पिक विषय कैसे चुनें? (How to Choose the Best UPSC Optional Subject?)

UPSC मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषयों की बहुत अहम भूमिका होती है क्योंकि ये कुल 2025 अंकों में से 500 अंक का हिस्सा होते हैं। यदि सही विषय चुना जाए, तो ये 500 अंक अंतिम मेरिट में बड़ा अंतर ला सकते हैं।

"सबसे अच्छा वैकल्पिक विषय" हर उम्मीदवार के लिए अलग हो सकता है और यह उनके शैक्षणिक पृष्ठभूमि पर निर्भर करता है। कई बार छात्र टॉपर्स के स्कोर, विषय की लोकप्रियता, या स्टडी ग्रुप की उपलब्धता जैसे कारणों से कोई विषय चुन लेते हैं। लेकिन केवल इन कारणों के आधार पर विषय चुनना खतरनाक हो सकता है और इससे एक प्रयास भी खराब हो सकता है। 

वैकल्पिक विषय चुनने से पहले इन बातों का ध्यान रखें:

इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ही वैकल्पिक विषय का चयन करें, ताकि आप अपनी ताकत का पूरा इस्तेमाल कर सकें।


UPSC वैकल्पिक विषय कैसे चुने (How to Choose the best Optional Subject for UPSC in Hindi?)

  1. सिलेबस का ओवरलैप (मेल)
    इतिहास, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, भूगोल, अर्थशास्त्र, लोक प्रशासन जैसे विषयों का सिलेबस GS (Prelims + Mains) से काफी हद तक मेल खाता है। ऐसे विषय चुनने से तैयारी का समय बच सकता है।
  2. सिलेबस की लंबाई
    चूंकि पहले से ही चार GS पेपर और एक निबंध पेपर होते हैं, इसलिए अगर वैकल्पिक विषय का सिलेबस बहुत बड़ा है, तो तैयारी में ज़्यादा समय लगेगा। इसलिए ऐसा विषय चुनें जिसका सिलेबस आप तय समय में अच्छे से पूरा कर सकें।
  3. प्रतिस्पर्धा का स्तर
    कुछ उम्मीदवार मानते हैं कि जिस विषय का सफलता दर (Success Ratio) ज़्यादा है, वही अच्छा विकल्प है। यह आंशिक रूप से सही है। UPSC में आपकी उत्तर पुस्तिका आपकी स्पष्टता और प्रस्तुति के आधार पर जांची जाती है। इसलिए सबसे ज़रूरी है कि आप जिस विषय को बेहतर तरीके से समझ सकें, वही चुनें।
  4. संसाधनों की उपलब्धता
    UPSC में 47 वैकल्पिक विषय हैं, लेकिन सभी के लिए कोचिंग, गाइडेंस या किताबें आसानी से नहीं मिलतीं। हालांकि ऑनलाइन संसाधनों की संख्या बढ़ी है, फिर भी यह जांच लें कि आपके चुने विषय के लिए पर्याप्त सामग्री उपलब्ध है या नहीं।
  5. विषय से पहले से परिचय (Familiarity)
    अगर आपने किसी विषय को ग्रेजुएशन या पोस्ट-ग्रेजुएशन में पढ़ा है, तो वही विषय चुनना बेहतर होगा। अगर नहीं, तो ऐसा विषय चुनें जिसमें आपकी रुचि बनी रहे और जिसे आप लंबे समय तक पढ़ सकें।

अन्य बातें भी ध्यान में रख सकते हैं:

इन सभी बातों पर सोच-समझकर निर्णय लें, ताकि आपके प्रयास सफल हो सकें।


UPSC वैकल्पिक विषय की तैयारी के लिए टिप्स (UPSC Optional Preparation Tips in Hindi):

  1. सिलेबस को अच्छे से समझें
    सबसे पहले, अपने वैकल्पिक विषय का सिलेबस पूरी तरह समझ लें। इसे एक चेकलिस्ट की तरह इस्तेमाल करें और सुनिश्चित करें कि आप जो भी पढ़ रहे हैं, वह सिलेबस से जुड़ा हो।
  2. सीमित लेकिन विश्वसनीय स्टडी मटेरियल चुनें
    ज्यादा किताबें इकट्ठा करने से बेहतर है कि आप स्टैंडर्ड बुक्स, टॉपर्स के नोट्स, पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र, भरोसेमंद ऑनलाइन स्रोत और अच्छा स्टडी मटेरियल चुनें।
  3. उत्तर लेखन का अभ्यास करें
    सिर्फ जानकारी होना काफी नहीं है, उसे सही तरीके से लिख पाना भी जरूरी है। इसलिए, पढ़ाई के साथ-साथ उत्तर लेखन शुरू करें। हर टॉपिक के बाद उत्तर लिखें। अपने साथियों या मेंटर्स से फीडबैक लें और उत्तर की संरचना, भाषा शैली और समय प्रबंधन में सुधार करें। मॉक टेस्ट दें और पुराने प्रश्न पत्र हल करें।
  4. बार-बार रीवीजन (Revision) करें
    हर टॉपिक को पढ़ने के बाद साप्ताहिक और मासिक रूप से दोहराएं ताकि जानकारी लंबे समय तक याद रहे।
  5. करेंट अफेयर्स से जोड़ें
    जहां संभव हो, अपने उत्तरों में करेंट अफेयर्स के उदाहरण शामिल करें। इससे आपके उत्तर ज़्यादा प्रभावशाली बनेंगे और यह दिखेगा कि आप अपनी स्थिर जानकारी को वास्तविक जीवन में जोड़ सकते हैं।

यह UPSC मुख्य परीक्षा के वैकल्पिक विषयों की तैयारी से जुड़ी एक झलक है। UPSC सिलेबस की पूरी जानकारी जरूर देखें।

यूपीएससी ऑप्शनल सब्जेक्ट्स FAQs

ऐसे विषय जिन्हें अधिकतर प्रीलिम्स (Prelims) सिलेबस कवर करता हो या जिनका स्कोरिंग ट्रेंड अच्छा रहा हो, उन्हें आसान माना जा सकता है। जैसे - लोक प्रशासन, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र आदि। हालांकि, आपकी रुचि किसी भी विषय को आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प बना सकती है।

अब तक जिन विषयों की सफलता दर सबसे ज़्यादा रही है, वे हैं: वाणिज्य और लेखांकन, प्रबंधन, अर्थशास्त्र, चिकित्सा विज्ञान और रसायन शास्त्र।

साहित्य विषयों में मणिपुरी, मैथिली और पंजाबी साहित्य की सफलता दर अब तक सबसे अधिक रही है।

लोक प्रशासन, समाजशास्त्र, इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान और कानून जैसे विषयों का सिलेबस GS पेपर से मेल खाता है। इसलिए ये सभी पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों में लोकप्रिय हैं।

विषय चुनते समय इन बातों का ध्यान रखें:

  • आपकी रुचि
  • विषय को समझने की आपकी क्षमता
  • शैक्षणिक पृष्ठभूमि
  • स्टडी मटेरियल और संसाधनों की उपलब्धता

NCERT किताबें बुनियादी समझ और कॉन्सेप्ट क्लैरिटी के लिए अच्छी हैं। लेकिन ये अकेले पर्याप्त नहीं हैं। अच्छी तैयारी के लिए स्टैंडर्ड बुक्स, अख़बार, पत्रिकाएं और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र भी पढ़ना जरूरी है।

वैकल्पिक विषय ही एकमात्र ऐसा भाग है जिसे उम्मीदवार अपनी पसंद से चुन सकता है। मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय के दो पेपर होते हैं, जो कुल 500 अंक के होते हैं। सही चुनाव करने से आपकी मेरिट में काफी अंतर आ सकता है। इसलिए इसे सोच-समझकर चुनें।

हाँ, UPSC आपको ग्रेजुएशन से अलग कोई भी वैकल्पिक विषय चुनने की अनुमति देता है। आप अपनी पसंद और रुचि के अनुसार कोई भी विषय चुन सकते हैं।

हाँ, आप हर प्रयास में अलग वैकल्पिक विषय चुन सकते हैं। लेकिन नया विषय लेने का मतलब है नया सिलेबस, जिसके लिए अतिरिक्त समय और मेहनत लगेगी। इसलिए सोच-समझकर निर्णय लें।

नहीं, UPSC किसी भी वैकल्पिक विषय को विशेष महत्व नहीं देता। सभी विषयों को समान रूप से जांचा जाता है। उत्तर की गुणवत्ता ही सबसे ज़्यादा मायने रखती है।